अन्तरजाल पर
साहित्य-प्रेमियों की विश्राम-स्थली

काव्य साहित्य

कविता गीत-नवगीत गीतिका दोहे कविता - मुक्तक कविता - क्षणिका कवित-माहिया लोक गीत कविता - हाइकु कविता-तांका कविता-चोका कविता-सेदोका महाकाव्य चम्पू-काव्य खण्डकाव्य

शायरी

ग़ज़ल नज़्म रुबाई क़ता सजल

कथा-साहित्य

कहानी लघुकथा सांस्कृतिक कथा लोक कथा उपन्यास

हास्य/व्यंग्य

हास्य व्यंग्य आलेख-कहानी हास्य व्यंग्य कविता

अनूदित साहित्य

अनूदित कविता अनूदित कहानी अनूदित लघुकथा अनूदित लोक कथा अनूदित आलेख

आलेख

साहित्यिक सांस्कृतिक आलेख सामाजिक चिन्तन शोध निबन्ध ललित निबन्ध हाइबुन काम की बात ऐतिहासिक सिनेमा और साहित्य सिनेमा चर्चा ललित कला स्वास्थ्य

सम्पादकीय

सम्पादकीय सूची

संस्मरण

आप-बीती स्मृति लेख व्यक्ति चित्र आत्मकथा यात्रा वृत्तांत डायरी बच्चों के मुख से यात्रा संस्मरण रिपोर्ताज

बाल साहित्य

बाल साहित्य कविता बाल साहित्य कहानी बाल साहित्य लघुकथा बाल साहित्य नाटक बाल साहित्य आलेख किशोर साहित्य कविता किशोर साहित्य कहानी किशोर साहित्य लघुकथा किशोर हास्य व्यंग्य आलेख-कहानी किशोर हास्य व्यंग्य कविता किशोर साहित्य नाटक किशोर साहित्य आलेख

नाट्य-साहित्य

नाटक एकांकी काव्य नाटक प्रहसन

अन्य

रेखाचित्र पत्र कार्यक्रम रिपोर्ट सम्पादकीय प्रतिक्रिया पर्यटन

साक्षात्कार

बात-चीत

समीक्षा

पुस्तक समीक्षा पुस्तक चर्चा रचना समीक्षा
कॉपीराइट © साहित्य कुंज. सर्वाधिकार सुरक्षित

दरिया–ए–दिल

65. पढ़े तो कोई दीन-दुखियों की भाषा

 
122    122    122    122
 
पढ़े तो कोई दीन-दुखियों की भाषा
ज़रा भूखे-प्यासों के चहरों की भाषा
 
जो पथरा गईं राह तकते किसी की
उन आँखों में पढ़िये उम्मीदों की भाषा
 
दिये फूल-फल शुक्र उनका करो तुम
सुनो ध्यान से पेड़-पौधों की भाषा
 
कहाँ आती है कायरों को समझ में
वो चट्टान जैसी इरादों की भाषा
 
बदलते ही रहते हैं वो बात अपने
मुखौटों को आती फ़रेबों की भाषा
 
न ईमान की ‘देवी’ बातें करो तुम
तिजारत हुई है ज़मीरों की भाषा

पुस्तक की विषय सूची

  1. समर्पण
  2. 61. कर दे रौशन दिल को फिर से वो सितारा मिल गया
  3. कुछ शेर
  4. पुरोवाक्‌
  5. जीवनानुभावों की नींव पर शब्दों का शिल्प
  6. बहता हुआ दरिया-ए-दिल
  7. शायरी की पुजारन— देवी नागरानी
  8. ग़ज़ल के आईने में देवी नगरानी
  9. अपनी बात
  10. 1. तू ही एक मेरा हबीब है
  11. 2. रात का पर्दा उठा मेरे ख़ुदा
  12. 3. इक नया संदेश लाती है सहर
  13. 4. मुझमें जैसे बसता तू है
  14. 5. तू ही जाने तेरी मर्ज़ी, या ख़ुदा कुछ और है
  15. 6. नज़र में नज़ारे ये कैसे अयाँ हैं
  16. 7. हाँ यक़ीनन सँवर गया कोई
  17. 8. मन रहा मदहोश मेरा भोर तक
  18. 9. इंतज़ार उसका किया था भोर तक
  19. 10. अपनी निगाह में न कभी ख़ुद को तोलिए
  20. 11. नाम मेरा मिटा दिया तूने
  21. 12. तुझको ऐ ज़िन्दगी जिया ही नहीं
  22. 13. रात क्या, दिन है क्या पता ही नहीं
  23. 14. धीरे धीरे दूरियों से आशना हो जाएगा
  24. 15. गीता का ज्ञान कहता जो सुन उसको लीजिये
  25. 16. बंद है जिनके दरीचे, उन घरों से मत डरो
  26. 17. ग़म की बाहर थी क़तारें और मैं भीतर निहाँ
  27. 18. ले गया कोई चुरा कर मेरे हिस्से की ख़ुशी
  28. 19. हर किसी से था उलझता बेसबब
  29. 20. हार मानी ज़िन्दगी से, यह सरासर ख़ुदकुशी थी
  30. 21. आँचल है बेटियों का मैक़े का प्यारा आँगन 
  31. 22. आपसे ज़्यादा नहीं तो आपसे कुछ कम नहीं
  32. 23. काश दिल से ये दिल मिले होते
  33. 24. मत दिलाओ याद फिर उस रात की
  34. 25. तमाम उम्र थे भटके सुकून पाने में
  35. 26. रात को दिन का इंतज़ार रहा
  36. 27. दिल का क्या है, काँच की मानिंद बिखरता जाएगा
  37. 28. है हर पीढ़ी का अपना अपना बस इक मरहला यारो
  38. 29. क्या ही दिन थे क्या घराने अब तो बस यादें हैं बाक़ी
  39. 30. चुपके से कह रहा है ख़ामोशियों का मौसम
  40. 31. फिर कौन सी ख़ुश्बू से मिरा महका चमन है
  41. 32. चलते चलते ही शाम हो जाए
  42. 33. होती बेबस है ग़रीबी क्या करें
  43. 34. निकला सूरज न था, प्रभात हुई
  44. 35. क़हर बरपा कर रही हैं बिजलियाँ कल रात से
  45. 36 हर हसीं चेहरा तो गुलाब नहीं
  46. 37. दिन बुरे हैं मगर ख़राब नहीं
  47. 38. अपनी मुट्ठी से निकलकर वो पराई हो गई
  48. 39. देख कर रोज़ अख़बार की सुर्ख़ियाँ
  49. 40. दूर जब रात भर तू था मुझसे 
  50. 41. जीने मरने के वो मंजर एक जैसे हो गए
  51. 42. ‘हम हैं भारत के' बताकर एक फिर से हो गए
  52. 43. मेरा तारूफ़ है क्या मैं जानता ही न
  53. 44. यह राज़  क्या है जान ही पाया नहीं कभी
  54. 45. मेरी  हर बात का बुरा  माना
  55. 46. दिल को ऐसा ख़ुमार दे या रब
  56. 47. मेरा घरबार है अज़ीज़ मुझे
  57. 48. तेरा इकरार है अज़ीज़ मुझे
  58. 49. पार टूटी हुई कश्ती को उतरते देखा
  59. 50. ख़ुद की नज़रों में कभी ख़ुद को उठा कर देखो
  60. 51. हमारा क्या है सरमाया अनोखा है गणित लगता
  61. 52. जो सदियों से रिश्ते पुराने लगे हैं
  62. 53. क्या जाने मैंने क्यों लिखी, इस रेत पर ग़ज़ल
  63. 54. सूद पर सूद इकट्ठा भी तू देगा कब तक
  64. 55. हमने आँगन की दरारों को बिछड़ते देखा
  65. 56. महरबां ज़िन्दगी क्या क्या सिखाती है सिखाती है
  66. 57. तमाम उम्र थे भटके सुकून पाने में
  67. 58. ख़त्म जल्दी मामला हो ये ज़रूरी तो नहीं
  68. 59. सहरा सहरा ज़िन्दगी ढूँढ़ रही है आब
  69. 60. वो मानते भी मुझे कैसे बेगुनाह अभी
  70. 62. क्या ये क़िस्मत की आज़माइश है
  71. 63. बेवजह दिल आज मेरा मुस्कुराना चाहता है
  72. 64. खो गया है गाँव मेरा पत्थरों के शहर में
  73. 65. पढ़े तो कोई दीन-दुखियों की भाषा
  74. 66 आँखों के आँगन में पाई फिर नज़ारों की ख़लिश
  75. 67. नाम तेरा नाम मेरा कर रहा कोई और है
  76. 68. ये शाइरी क्या चीज़ है, अल्फ़ाज़ की जादूगरी
  77. 69. दिले-नादां सँभल कर भी चले हैं किस ज़माने में
क्रमशः

लेखक की पुस्तकें

  1. ऐसा भी होता है
  2. और गंगा बहती रही
  3. चराग़े दिल
  4. दरिया–ए–दिल
  5. एक थका हुआ सच
  6. लौ दर्दे दिल की
  7. पंद्रह सिंधी कहानियाँ
  8. परछाईयों का जंगल
  9. प्रांत प्रांत की कहानियाँ
  10. माटी कहे कुम्भार से
  11. दरिया–ए–दिल
  12. पंद्रह सिंधी कहानियाँ
  13. एक थका हुआ सच
  14. प्रांत-प्रांत की कहानियाँ
  15. चराग़े-दिल

लेखक की अनूदित पुस्तकें

  1. एक थका हुआ सच

लेखक की अन्य कृतियाँ

साहित्यिक आलेख

कहानी

अनूदित कहानी

पुस्तक समीक्षा

बात-चीत

ग़ज़ल

अनूदित कविता

पुस्तक चर्चा

बाल साहित्य कविता

विडियो

उपलब्ध नहीं

ऑडियो

उपलब्ध नहीं

विशेषांक में

बात-चीत