आओ अब स्कूल चलें
बाल साहित्य | बाल साहित्य कविता राघवेन्द्र पाण्डेय 'राघव'21 Feb 2019
आओ अब स्कूल चलें हम
आओ सब स्कूल चलें हम
सुबह नहाकर खाना खायें
दिन का खाना स्कूल में
खेल-कूद है खूब, तो फिर
क्यों देर से जाना स्कूल में
सर जी प्यार करेंगे हमसे
मैडम जी पुचकारेंगी
हम सब अगर पढ़ेंगे मन से
मैडम जी क्यों मारेंगी
चलो सभी स्कूल खुला है
घर में छुपकर मत बैठें
आगे बढें, शिखर छू लें हम
घर में चुप कर मत बैठें
पढ़ें-लिखें और खेलें-कूदें
गाना गाएँ स्कूल में
बनें चैम्पियन, नाम हमारा
जाना जाए स्कूल में
आओ अब स्कूल चलें हम
आओ सब स्कूल चलें हम
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