लूट का सबसे बड़ा धंधा
हास्य-व्यंग्य | हास्य-व्यंग्य कविता राघवेन्द्र पाण्डेय 'राघव'20 Feb 2019
लूट का सबसे बड़ा धंधा कोई मिल जाए तो
मैं लूट लूँ सब कुछ अगर अंधा कोई मिल जाए तो
काम सब हो जाएँगे तू काम की मत फ़िक्र कर
साथ मेरे चल सके बंदा कोई मिल जाए तो
क्या करेंगे साफ़ छवि हम साफ़ को ही साफ़ कर दें
आदमी हमको अगर गंदा कोई मिल जाए तो
मैं थूक दूँ सूरज पे भी सूरज की क्या औक़ात है
मैं भून दूँ सूरज को भी चंदा कोई मिल जाए तो
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