आज़ादी का दिवस
काव्य साहित्य | कविता डॉ. अंकिता गुप्ता15 Aug 2022 (अंक: 211, द्वितीय, 2022 में प्रकाशित)
क्या सुनहरा है अवसर,
गा रहे सारे सुर एक स्वर।
आज रंगीला है आसमान,
बुलंद है सम्मान।
चारों ओर ज़ोरों-शोरों पर,
आज गा रहे सब राष्ट्रगान।
75वीं आज़ादी के दिवस पर,
गर्व से खड़ा है मेरा भारत महान।
लहरा रहा है तिरंगा,
मानो बहती जा रही शीतल गंगा।
एक दूजे को दे रहे बधाई,
बच्चों-बच्चों में बँट रही मिठाई।
बँटवारे की याद को पीछे छोड़,
अब है हमको आगे बढ़ने की होड़।
खेल से लेकर तकनीकी तक,
जाना है हमें हिमालय की ऊँचाइयों तक।
हटाकर समाज की कुरीतियाँ,
कुशल सुदृढ़ बनानी है नई रीतियाँ।
मिट जाये आपसी भेदभाव,
ना हो कहीं ज्ञान का अभाव।
हर जन का हो उज्जवल विकास,
यही है आज देश से आस।
सभी धर्म जातियों को सहेज,
देता रहे मेरा देश एकता का संदेस।
दुआ है की, सदा देश में रहे अमन,
और, यूँही गर्व से गाता रहे हर जन,
“जन गण मन“
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