मानव जीवन बहुत अमूल्य है, इसके मूल्य को हम जानें
बाल साहित्य | किशोर साहित्य कविता चेतना सिंह ‘चितेरी’15 Dec 2022 (अंक: 219, द्वितीय, 2022 में प्रकाशित)
मेरे प्यारे बच्चो सुनो!
बड़े भाग्य से मानुष तन पाया,
आओ, इस जीवन को सार्थक कर लें,
किस उद्देश्य यह जीवन मिला,
आओ, हम इसको जानें,
एक-एक पल बड़ा है मूल्यवान,
रात्रि में सोने से पूर्व,
अगले दिन की शुरूआत कैसे करें?
योजना बना लो!
हर सुबह की पहली किरण के साथ
ऊर्जा से भरपूर दिन की शुरूआत करो!
जितना तुम! तपस्या करोगे!
तुम्हारा भविष्य उतना ही उज्ज्वल होगा!
तुम्हारे हाथों से जन का कल्याण हो!
कुछ मन में ऐसा संकल्प लो!
तुम्हारी दृढ़ इच्छा-शक्ति से
असम्भव कार्य भी सम्भव होगा!
मेरे प्यारे बच्चो!
मानव जीवन बहुत अमूल्य है,
इसके मूल्य को हम सब जानते हैं,
व्यर्थ में समय न गंँवाओ,
कर्म ही पूजा है,
आओ! नैतिक गुणों से युक्त होकर,
महान पुरुषों के आदर्श पथ पर चलो!
सबके जीवन का कुछ ना कुछ उद्देश्य होता है,
तुम्हारे जीवन का भी! लक्ष्य है,
आओ, हम सब मिलकर
इस धरा को स्वर्ग से सुंदर बनाएँ,
मानव जीवन बहुत अमूल्य है,
इसके मूल्य को हमारे भारत देश के —
ऋषि-मुनियों ने बख़ूबी जाना है।
आओ, हम सब भी! जीवन क्यों मिला है?
इस सत्य को जाने, और जीवन को सफल बनाएँ।
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