अभी कमाने की तुम्हारी उम्र नहीं
काव्य साहित्य | कविता चेतना सिंह ‘चितेरी’1 Feb 2023 (अंक: 222, प्रथम, 2023 में प्रकाशित)
पढ़-लिख कर नाम कमाओ!
बेटा!
अभी कमाने की तुम्हारी उम्र नहीं,
महाराणा प्रताप के शौर्य की कहानियांँ सुन लो!
बच्चा!
अभी कमाने की तुम्हारी उम्र नहीं,
गुरु के वचनों को ध्यान से सुन कर कंठस्थ कर लो!
बचवा!
फिर न विद्यार्थी जीवन आएगा,
क्रोध, मद, लोभ त्यागो!
बेटा!
अभी कमाने की तुम्हारी उम्र नहीं,
सदाचारी बनो! विवेकशील बनो!
बाबू!
पढ़ो, ख़ूब पढ़ो! देश की तरक़्क़ी करो! बेटा!
एक मांँ की बस इतनी-सी चाह है,
सपनों को साकार करो!
लल्ला!
अभी कमाने की तुम्हारी उम्र नहीं।
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