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आशीर्वाद

बड़े बुज़ुर्गों से मिलता आशीर्वाद
बेटी तुम हो! माँ सीता! जैसी; 
त्याग समर्पण की देवी, साक्षात् लक्ष्मी, 
जिस घर में जाओगी बिटिया! 
वह घर ख़ुशियों से भर जाएगा, 
मांँ सीता के जैसे ही; तुममें प्रेम है, 
धैर्यता, गंभीरता, परिस्थितियों का सामना, 
तुम बख़ूबी कर लेती हो! 
बड़ा भाग्यशाली होगा! वह वर! 
तुम्हारा जीवन साथी जो बनेगा, 
देवी सीता की जैसे ही; 
ना तुममें मद, ना लोभ, 
कहांँ राजमहल कहांँ वन, 
वैसे ही; तुम्हारे लिए
क्या शहर! क्या गांँव! 
अपने आपको हर परिस्थितियों में ढाल लेती हो! 
बड़े बुज़ुर्गों से मिलता है आशीर्वाद, 
बेटी तुम हो! माँ सीता! जैसी। 

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