सरगम
काव्य साहित्य | कविता चेतना सिंह ‘चितेरी’1 Feb 2023 (अंक: 222, प्रथम, 2023 में प्रकाशित)
तेरे प्यार में सजना, तेरी सजनी संँवर रही
तेरे प्यार में सजना, तेरी सजनी संँवर रही
सात स्वरों से सजा है संगीत,
सात फेरों से सजा है जीवन,
सात जन्मों तक मिलें सजना तेरा प्यार
तेरे प्यार में सजना, तेरी सजनी सज रही,
तेरे प्यार में सजना तेरी सजनी संँवर रही
तेरे प्यार में सजना, तेरी सजनी संँवर रही
तेरे प्रेम के धुन में, घर आँगन चहके,
खिल रही मेरी फुलवारी, तेरे रंग में रंग कर,
सजना झूम-झूम कर मेरा मनवा नाचे,
तेरे प्यार में सजना, तेरी सजनी संँवर रही
तेरे प्यार में सजना, तेरी सजनी संँवर रही
मिला जो तेरा साथ साजन,
जीवन हुआ मेरा सरगम जैसा,
ना ग़म की परछाईं, चारों और ख़ुशियांँ ही छाई,
चंदन जैसा; सुगंधित पवित्र हुआ हमारा बंधन,
सजना तेरे प्यार में, तेरी सजनी निखर रही,
सजना तेरे प्यार में तेरी सजनी संँवर रही
तेरे प्यार में सजना, तेरी सजनी संँवर रही
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