उन्हें समझ आ गया था
काव्य साहित्य | कविता डॉ. खेमकरण ‘सोमन’1 Jun 2022 (अंक: 206, प्रथम, 2022 में प्रकाशित)
घूमते रहे पीले चेहरे वाले कुछ लोग
देखते रहे सरसों के फूल
फूलों को डोलते-लहराते हुए
उन पर मधुमक्खियाँ मँडराते हुए
जब लौट रहे थे—
फिर पहले जैसे न थे वे
उनमें आ गया था अब कुछ बदलाव
चेहरे पर था दुःख के पीलेपन की अपेक्षा
सरसों के फूलों का पीलापन
उन्हें समझ आ गया था—
पीलेपन का ऐसा अर्थ
अस्तित्व–
महक।
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