बच्चो बल के तीन नियम
बाल साहित्य | किशोर साहित्य कविता अभिषेक पाण्डेय1 Sep 2021 (अंक: 188, प्रथम, 2021 में प्रकाशित)
बच्चो बल के तीन नियम,
जिनसे चलती दुनिया हरदम।
प्रथम नियम की सुनो कहानी,
न्यूटन काका की ही जबानी॥
स्थिर है कोई वस्तु अगर,
स्थिर ही वह रहती है,
वस्तु कोई गतिमान अगर,
गतिमान सदा वह रहती है॥
बस बाह्य बल अनुपस्थित हो,
उसका न कहीं कोई,अस्तित्व हो।
बस इसी शर्त की गाँठ बाँध लो,
यह प्रथम नियम है, इसे साध लो॥
अब द्वितीय नियम की सुनो कहानी,
मनभावन यह बड़ी सुहानी॥
किसी वस्तु का त्वरण हमेशा,
होता बल के अनुक्रमानुपाती,
कभी भूलना मत तुम इसको,
सदा याद रखो यह पाती॥
अब तृतीय नियम की बारी आई,
रॉकेट जिससे चलता भाई॥
जितना बल हम वस्तु पर लगाते,
उतना वह हम पर भी लगाती,
परिमाण समान रहता दोनों का,
केवल दिशा बदल है जाती॥
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