आज़ादी की सोंधी ख़ुश्बू . . .
काव्य साहित्य | कविता डॉ. सुनीता जाजोदिया15 Aug 2022 (अंक: 211, द्वितीय, 2022 में प्रकाशित)
पिंजड़ों से मुक्त चहके हर बेटी
सड़कों पर भयमुक्त विचरे नारी
कन्या-भ्रूण मिटे न कोई कोख माँ की
संतानों पर हो न कोई बूढ़ी माँ भारी
आज़ादी की सोंधी ख़ुश्बू से तब
महकेगी और मेरे देश की माटी।
पैरों में ज़मीन और सबके सर छत हो
तन पर वस्त्र और शिक्षा का अस्त्र हो
लूटखसोट और हो न कोई छीनाझपटी
समानता हो सदा संसाधन-बँटवारे में
आज़ादी की सोंधी ख़ुश्बू से तब
महकेगी और मेरे देश की माटी।
जनता हो लोकतंत्र की सजग शक्ति
हो न वो केवल वोट बैंक की गोटी
रात-दिन करे जनता की सेवा नेताजी
करे न कभी घपले की काली कमाई
आज़ादी की सोंधी ख़ुश्बू से तब
महकेगी और मेरे देश की माटी।
सिर्फ़ अधिकारों का ही जश्न ना हो
कर्त्तव्यों की भी हो उतनी ही ज़िम्मेदारी
संविधान-सम्मान औ' पालन नीतियों से
राष्ट्र-विकास में हो सबकी भागीदारी
आज़ादी की सोंधी ख़ुश्बू से तब
महकेगी और मेरे देश की माटी।
अन्य संबंधित लेख/रचनाएं
टिप्पणियाँ
कृपया टिप्पणी दें
लेखक की अन्य कृतियाँ
साहित्यिक आलेख
कहानी
लघुकथा
कविता
कार्यक्रम रिपोर्ट
- अनुभूति की आठवीं 'संवाद शृंखला' में बोले डॉ. बी.एस. सुमन अग्रवाल: ‘हिंदी ना उर्दू, हिंदुस्तानी भाषा का शायर हूँ मैं’
- अनुभूति की ‘गीत माधुरी’ में बही प्रेमगीतों की रसधार
- डब्लूसीसी में उत्कर्ष '23 के अंतर्गत हिंदी गद्य लेखन कार्यशाला एवं अंतर्महाविद्यालयीन प्रतियोगिताओं का आयोजन
- डब्लूसीसी में डॉ. सुनीता जाजोदिया का प्रथम काव्य संग्रह: ‘ज़िन्दगी का कोलाज’ का लोकार्पण
- तुम्हारे क़दमों के निशान दूर तक चले लो मैंने बदल ली राह अपनी: मेरी सृजन यात्रा में मोहिनी चोरड़िया से संवाद
- मैं केवल एक किरदार हूँ, क़लम में स्याही वो भरता है: अनुभूति की पंचम ‘संवाद शृंखला’ में बोले रमेश गुप्त नीरद
- व्यंग्य का प्रभाव बेहद मारक होता है: अनुभूति की पंचम संवाद शृंखला में बीएल आच्छा ने कहा
- श्रेष्ठ साहित्य का अध्ययन और चिंतन-मनन आवश्यक: अनुभूति की चतुर्थ ‘संवाद शृंखला’ में बोले डॉ. दिलीप धींग
- श्रेष्ठ साहित्य का अध्ययन और चिंतन-मनन आवश्यक: अनुभूति की तृतीय ‘संवाद शृंखला’ में बोले डॉ. दिलीप धींग
- सच्ची कविता स्वांत: सुखाय की अभिव्यक्ति है, इसमें कोई मायाजाल नहीं होता: अनुभूति की द्वितीय ‘संवाद शृंखला’ में बोले डॉ. ज्ञान जैन
- सृजन यात्रा में अब तक नहीं पाई संतुष्टि: अनुभूति की प्रथम 'संवाद शृंखला' में बोले प्रहलाद श्रीमाली
विडियो
उपलब्ध नहीं
ऑडियो
उपलब्ध नहीं