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माँ की कोई उम्र नहीं होती

 

माँ की कोई उम्र नहीं होती, 
वह तो रेशम की . . .
डोरी है होती, 
माँ की कोई उम्र नहीं होती। 
बहुत सुशील, विनम्र और सभ्य . . .
सब गुणों से भरपूर होती, 
क्योंकि . . .
माँ की कोई उम्र नहीं होती। 
दे जन्म बालक-बालिका को . . .
मस्तक उसका है सँवारती, 
अथक परिश्रम कर निरंतर . . .
दुःख-दर्द सब झेलती जाती। 
क्योंकि . . .
माँ की कोई उम्र नहीं होती। 
जब तक माँ का . . .
साया हो सिर पर, 
न दुनिया यह . . .
बेगानी लगती। 
सदा संगीन आदर्श . . .
मूर्ति वे, 
आगे ही आगे है बढ़ती, 
क्योंकि . . .
माँ की कोई उम्र नहीं होती। 
 
वृद्धावस्था में जब उनके . . .
प्राण पखेरू . . .
 हैं जो उड़ते, 
अश्रुधारा तब हमारी . . .
है थमती न थमे। 
रह-रह सोचकर . . .
 उनका भोला चेहरा, 
 सोच आँखें सदा जो . . .
 नम हैं होती, 
क्योंकि . . .
माँ की कोई उम्र नहीं होती। 
अफ़सोस जब लोग . . .
हैं करते, 
न बता पाते हम . . .
 मन अपने की, 
धधक भट्टी-सी माँ, 
और, और हैं प्यारी लगती। 
इसलिए मत पूछिए . . .
यही है, 
उत्तर मेरा कि . . .
माँ के प्यार को पाने, 
समझने और जानने में . . .
उम्र है लगती। 
वे हमारे जीवनभर . . .
स्वप्न हैं सँजोती, 
क्योंकि
माँ की कोई उम्र नहीं होती। 
दे . . .दे आँसुओं से आशीर्वाद . . .
स्वयं आँसुओं से, 
मुख अपना थीं धोतीं। 
सच है, हाँ . . .हाँ सच है, 
माँ की कोई उम्र नहीं होती। 
अब जाना वास्तव में, 
वे मूरत सदा हैं . . .
भगवान की होती। 
न रहकर भी . . .
अमर जो होती, 
इसलिए सोचना कि . . .
माँ की अवस्था क्या थी? 
यह सोचकर है . . .
सोच, सोच को रोती, 
क्योंकि . . .
माँ की कोई उम्र नहीं होती। 
वे थीं उठीं पहाड़ से . . .
कोहरे के रूप में, 
फिर बादल बनकर . . .
रूप मुझे दे, 
बरस जीवनभर . . .
संघर्षों में, 
फिर पंख फैलाए . . .
हैं जो उड़ती। 
जी हाँ . . .
माँ की कोई उम्र नहीं होती, 
माँ की कोई उम्र नहीं होती। 

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टिप्पणियाँ

ख़ुर्रम रुबाब 2023/11/26 08:21 PM

अति-उत्तम......।

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