विस्फोट
काव्य साहित्य | कविता रचना श्रीवास्तव3 May 2012
दर्द चीखा
लहू बहा
शहर काँपा
दुनिया के नक्शे पे
भारत थरथराया
राम हुआ शर्मिंदा
रहीम ने सर झुकाया
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