गणतंत्र
काव्य साहित्य | कविता आलोक कौशिक1 Feb 2021 (अंक: 174, प्रथम, 2021 में प्रकाशित)
दुनिया करती है
उस राष्ट्र का सम्मान
जिसके पास होता है
अपना संविधान
जनता में समाहित
होती है जब सत्ता
तब किसी देश का
गणतंत्र है बनता
भारत भी हुआ था
तब पूर्ण स्वतंत्र
मनाया था इसने
जब दिवस गणतंत्र
स्वतंत्रता से भी अधिक
करनी पड़ी थी प्रतीक्षा
भेदभाव भुलाकर करें
इस गणतंत्र की सुरक्षा
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