मोल ली मुसीबत
कथा साहित्य | लघुकथा सुनील कुमार शर्मा1 Aug 2024 (अंक: 258, प्रथम, 2024 में प्रकाशित)
दीनदयाल धीरे-धीरे टहलते हुए साथ वाली गली से निकल रहा रहा था। तभी उसकी निगाह एक घर के अंदर पड़ी; एक पति अपनी पत्नी को बुरी तरह पीट रहा था। वह औरत ज़ोर-ज़ोर से सहायता के लिए पुकार रही थी; पर उसे छुड़ाने वाला कोई नहीं था। दीनदयाल को उस बेबस औरत की हालत पर तरस आया। वह तेज़ी से उस घर के अंदर दाख़िल हुआ; और उसने उस मरियल से आदमी को पकड़ कर, उस औरत से अलग किया—जो उस समय उस औरत का गला दबाने की कोशिश कर रहा था। इस पर ख़फ़ा होकर उस आदमी ने दीनदयाल को भद्दी-सी गाली दे डाली। दीनदयाल ने भी ग़ुस्से में आकर उसे बुरी तरह से झकझोर दिया जिससे वह दूर खड़ा हो गया और दीनदयाल अपने रास्ते पर चल दिया।
उसी दिन शाम को वे पति-पत्नी, पुलिस लेकर दीनदयाल के द्वार पर खड़े थे। उन्होंने मिलकर थाने में यह रिपोर्ट दर्ज करवाई थी—दीनदयाल ने दिन-दहाड़े उनके घर में घुसकर उनके साथ बदसुलूकी की थी। दीनदयाल उस औरत के बदले हुए तेवर देख कर हैरान था। वह बेचारा तो ख़ुद मोल ली मुसीबत में फँस गया था।
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