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डॉक्युमेंट

“. . . साठ साल की होते ही अगले दिन ताई सुलखनी की बुढ़ापा पेंशन लग गयी . . . चाची सरूपी के विधवा होते ही, चाचा की तेहरवीं से पहले ही चाची की विधवा पेंशन आ गयी . . . . . . और यह बेचारी मल्लों, जिसका पति बीस साल पहले घर से भाग गया था, जो आज तक वापिस नहीं आया है उस बेचारी की पेंशन क्यों नहीं लग रही है? सरपंच साहिब!” मल्लों के एक सम्बन्धी ने सरपंच से पूछा। 

“. . . इसके अभी डॉक्युमेंट पूरे नहीं हुए है,” सरपंच लापरवाही से बोला। 

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