जब भी लोग सीरत देखा करते हैं
शायरी | ग़ज़ल संदीप कुमार तिवारी ‘श्रेयस’15 Nov 2023 (अंक: 241, द्वितीय, 2023 में प्रकाशित)
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जब भी लोग सीरत देखा करते हैं
अपनी सब ज़रूरत देखा करते हैं
मैंने भी अमीरी पाली है दिल में,
जब से आप ग़ुर्बत देखा करते हैं
लगता है उसी को आईना अच्छा,
जिसकी लोग सूरत देखा करते हैं
मेरा देखना उनको भाता कैसे,
हम लोगों ‘की’ नीयत देखा करते हैं
वो भी तो कभी मेरा हमसाया था,
जिसकी आप मूरत देखा करते हैं
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