कहाँ अपने नाम दम पर हम हैं
शायरी | ग़ज़ल संदीप कुमार तिवारी ‘श्रेयस’1 Apr 2023 (अंक: 226, प्रथम, 2023 में प्रकाशित)
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कहाँ अपने नाम दम पर हम हैं।
तिरे अहसानो करम पर हम हैं।
‘है’ तू तो है ये जहाँ का आलम,
हमें भी महसूस ये है हम हैं।
मिरे इस दिल में मिलेगा भी क्या,
किसी का ढाया सितम है हम हैं।
भला अब क्या चाहते हो मुझसे,
अभी भी ज़िंदा बदन है हम हैं।
जहाँ काँटें ही खिला हैं करते,
वही परती का चमन है हम हैं।
यहीं क्या काफ़ी नहीं है ‘बेघर’,
हमे जीने का भरम है हम हैं।
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