मुस्कुराएँ, आप कैमरे में हैं
काव्य साहित्य | कविता कुमार लव1 Jan 2023 (अंक: 220, प्रथम, 2023 में प्रकाशित)
मेरी लेखनी पढ़ते हुए आपको देखा जा रहा है
आपकी नज़र कहाँ टिकी, कहाँ फिसली
कितने टैब खुले हैं, कितनों पर आप घूम आए
क्या कुछ नोट किया, क्या कुछ कॉपी करेंगे
किस-किस से साझा की, किसको भेजने में हिचके
क्या कहा उनसे, और क्या छुपा लिया
आपकी मुस्कान, आपके आँसूँ, आपके ठहाके
सब कैमरे में क़ैद हैं। अब आपको ले जाएँगे
होम पेज पर। लाइक करें, सब्स्क्राइब करें
और नहीं करेंगे, तो आपकी यह हरकत भी
क़ैद हो जाएगी-कैमरे में।
फिर न कहना कौवा आपकी ही उँगलियाँ क्यों ले उड़ा।
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