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हूँ-1

तुमने कहा था
उस रात
जब भी बहाव तेज़ होगा
और मैं लड़ रही हूँगी अकेले, 
तुम मेरे पास रहोगे। 
 
पर आज, 
कहाँ हो तुम?  
 
विन्नी ‘द पूह’
थक हार कर
आँखों के कोनों से
खोज रहा है शहद
और चीख रहा है
‘नहीं, मैं शहद नहीं खोज रहा’।

 

विन्नी ‘द पूह’ (एक कार्टून भालू) एक सुहाना दिन देख कर अपनी हमेशा की शहद की खोज भी भूल गया और बस बैठ कर मौसम का आनन्द लेने लगा। जब उसकी आँख खुली तो अपने आस-पास शहद के लबालब भरे हुए बरतन देख कर ख़ुशी से भौचक्का रह गया। उस रात जब वह शहद से लिपटा हुआ अपने मित्र ईयोर (गधा) से मिला तो ईयोर ने दार्शनिक ढंग से कहा, “मधु तो सदा ही होता है—पर वह तभी मिलता है जब तुम उसे ढूँढ़ते नहीं!” पूह ने सोचा कि वह अपने मित्र की बात समझ गया है। 

कई दिन तक वह अचानक इधर-उधर नज़र डाल कर देखता पर शहद कहीं भी नहीं दिखता था। यहाँ तक कि उसने फिर से बैठने का भी प्रयत्न किया और ज़ोर से कहा भी, “मैं शहद नहीं ढूँढ़ रहा!” पर जब भी उसने आँख खोली, शहद फिर भी उसे नहीं मिला। 

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