ऊब
काव्य साहित्य | कविता कुमार लव23 May 2017
कहती है—
बहुत थक गई है,
मुझे सुन-सुन के
हर बारे में।
बार बार
वही सब,
अब बस।
कुछ नहीं
जो साथ साथ कर सकें।
कुछ नहीं
जो एक-दूसरे से करा सकें।
हमेशा हमेशा की तलाश में
अब और नहीं सहना।
अब बस।
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