अवार्ड
कथा साहित्य | लघुकथा डॉ. मधु सन्धु4 Feb 2019
एम. एस. सी. के आठवें पेपर यानी प्रोजेक्ट के लिए उसे दिन रात एक करना पड़ा। वेब साइट से बहुत कुछ डाउन लोड किया, पढ़ा, समझा। लैब में बारह-बारह घंटे की सिटिंग दी। जूनियरज़ की चिरौरी करते उन पर एक्सपेरिमेंट किए। ढेरों प्रेज़ेंटेशनज़ बनाए। टाइपिंग, प्रेज़ेंटेशनज़, बार-बार एडिटिंग - बस एक ही इच्छा थी-काम सुपर हो।
प्रोजेक्ट की शोधपत्रात्मक सी.डी. भी बनाई गई। डॉ. गिल उसे अमेरिका भेज रहे हैं - मेरे रिसर्च पेपर को....... ऐसा एक्साइटमेंट.....। पहला नाम डॉ. गिल का, दूसरा मेरा यानी रिसर्चर का। जब डेढ़ वर्ष बाद पुस्तकालय में देखा तो पेपर तो वही था, पर उसपर नाम अध्यक्ष डॉ. राने और गाइड डॉ. गिल का था और जब अवार्ड की घोषणा हुई, तो लेने डॉ. राने गए। अख़बारों में उनका ही नाम था। टी.वी. में उनकी ही न्यूज़ थी। प्रेस रिर्पोटरों को वही अपने कठिन परिश्रम के हवाले प्रेस कान्फ्रेंस बुला कर दे रहे थे।
अन्य संबंधित लेख/रचनाएं
टिप्पणियाँ
कृपया टिप्पणी दें
लेखक की अन्य कृतियाँ
पुस्तक समीक्षा
- अपने अपने रिश्ते
- आलोचना : सतरंगे स्वप्नों के शिखर - डॉ. नीना मित्तल
- कहानी और लघुकथा का संकलनः पराया देश
- कुछ गाँव गाँव, कुछ शहर-शहर
- गवेषणात्मक एवं विश्लेषणात्मक प्रतिभा की पहचानः हिन्दी कहानी कोश - डॉ. सुनीता शर्मा
- जड़ पकड़ते हुए
- तीर्थाटन के बाद-बेटों वाली विधवा
- देह-दान और पिता-पुत्री के आत्मीय सम्बन्धों का रूदादे सफ़र
- नक्काशीदार केबिनेट
- नदी- एक विस्थापन गाथा
- पॉल की तीर्थयात्रा
- प्रवास में बुद्धिजीवी-काँच के घर
- महीन सामाजिक छिद्रों को उघाड़ती कहानियाँ - डॉ. अनुराधा शर्मा
- मुट्ठी भर आकाश की खोज में: ‘रोशनी आधी अधूरी सी’ की शुचि
- यह क्या जगह है दोस्तों
- व्यंग्यकार धर्मपाल महेंद्र जैन
- शाम भर बातें
- सबसे अपवित्र शब्द 'पवित्र' है
- स्मृतियों के तलघर
- ज़मीन से उखड़े लोगों की कहानियाँ
- फ़ेसबुक मित्रों की कविताएँ (कविता अनवरत-1)
कविता
साहित्यिक आलेख
लघुकथा
शोध निबन्ध
- अछूते विषय और हिन्दी कहानी
- त्रिलोचन शास्त्री
- थर्ड जेंडर - समाज और साहित्य
- नारी उत्पीड़न - प्रवासी महिला कहानी लेखन के संदर्भ में
- प्रवासी महिला कहानीकारों की नायक प्रधान कहानियाँ
- राजनीति के कुचक्र और इक्कीसवीं शती का प्रवासी हिन्दी उपन्यास
- हिन्दी उपन्यास में चित्रित अर्थतन्त्र का श्यामल पक्ष
- हिन्दी कहानीः भूमण्डलीकरण की दस्तक
कहानी
रेखाचित्र
यात्रा-संस्मरण
पुस्तक चर्चा
विडियो
उपलब्ध नहीं
ऑडियो
उपलब्ध नहीं
होम सुवेदी 2023/07/02 02:11 PM
बहुत खुब । यह होता ही रहा है । जहाँ भी यह देखा गया है । एक परिश्रम कर्ता है दुसरा उसका स्वार्थ सिद्ध करता है । जय प्रभो कुछ किजिए ।