अन्तरजाल पर
साहित्य-प्रेमियों की विश्राम-स्थली

काव्य साहित्य

कविता गीत-नवगीत गीतिका दोहे कविता - मुक्तक कविता - क्षणिका कवित-माहिया लोक गीत कविता - हाइकु कविता-तांका कविता-चोका कविता-सेदोका महाकाव्य चम्पू-काव्य खण्डकाव्य

शायरी

ग़ज़ल नज़्म रुबाई क़ता सजल

कथा-साहित्य

कहानी लघुकथा सांस्कृतिक कथा लोक कथा उपन्यास

हास्य/व्यंग्य

हास्य व्यंग्य आलेख-कहानी हास्य व्यंग्य कविता

अनूदित साहित्य

अनूदित कविता अनूदित कहानी अनूदित लघुकथा अनूदित लोक कथा अनूदित आलेख

आलेख

साहित्यिक सांस्कृतिक आलेख सामाजिक चिन्तन शोध निबन्ध ललित निबन्ध हाइबुन काम की बात ऐतिहासिक सिनेमा और साहित्य सिनेमा चर्चा ललित कला स्वास्थ्य

सम्पादकीय

सम्पादकीय सूची

संस्मरण

आप-बीती स्मृति लेख व्यक्ति चित्र आत्मकथा यात्रा वृत्तांत डायरी बच्चों के मुख से यात्रा संस्मरण रिपोर्ताज

बाल साहित्य

बाल साहित्य कविता बाल साहित्य कहानी बाल साहित्य लघुकथा बाल साहित्य नाटक बाल साहित्य आलेख किशोर साहित्य कविता किशोर साहित्य कहानी किशोर साहित्य लघुकथा किशोर हास्य व्यंग्य आलेख-कहानी किशोर हास्य व्यंग्य कविता किशोर साहित्य नाटक किशोर साहित्य आलेख

नाट्य-साहित्य

नाटक एकांकी काव्य नाटक प्रहसन

अन्य

रेखाचित्र पत्र कार्यक्रम रिपोर्ट सम्पादकीय प्रतिक्रिया पर्यटन

साक्षात्कार

बात-चीत

समीक्षा

पुस्तक समीक्षा पुस्तक चर्चा रचना समीक्षा
कॉपीराइट © साहित्य कुंज. सर्वाधिकार सुरक्षित

मैं गीत लिखूँगी

मैं गीत लिखूँगी तब तक, 
जब तक न तुम उसे गाओगे।
मेरे अन्तर की वाणी को, 
निज स्वर में तुम दोहराओगे॥
 
सब गीत मेरे तुम तक जाते, 
इनमें सब भाव तुम्हारे हैं।
अन्तर्मानस नभ में शोभित, 
जलते-बुझते सितारे हैं॥
 
जैसे मुझको अपनाया है, 
वैसे इनको अपनाओगे।
मेरे अन्तर की वाणी को, 
निज स्वर में तुम दोहराओगे॥
 
शब्द नहीं साधारण ये, 
मेरे उर की हैं ज्वाला।
ना समझो तो है जल सादा, 
समझो तो है मधु का प्याला॥
 
मधु के मोल को जानो तुम, 
खो दिया तो फिर क्या पाओगे?
मेरे अन्तर की वाणी को, 
निज स्वर में तुम दोहराओगे॥
 
हममें-तुममें न कोई अन्तर, 
ये गीत तुम्हें बतलायेंगे।
जन्मान्तर तक ये प्यार रहे, 
ऐसा विश्वास दिलायेंगे॥
 
मन का बन्धन है अटूट, 
इसको न तोड़ तुम पाओगे।
मेरे अन्तर की वाणी को, 
निज स्वर में तुम दोहराओगे॥

अन्य संबंधित लेख/रचनाएं

अंतहीन टकराहट
|

इस संवेदनशील शहर में, रहना किंतु सँभलकर…

अंतिम गीत लिखे जाता हूँ
|

विदित नहीं लेखनी उँगलियों का कल साथ निभाये…

अखिल विश्व के स्वामी राम
|

  अखिल विश्व के स्वामी राम भक्तों के…

अच्युत माधव
|

अच्युत माधव कृष्ण कन्हैया कैसे तुमको याद…

टिप्पणियाँ

कृपया टिप्पणी दें

लेखक की अन्य कृतियाँ

स्मृति लेख

कविता

हास्य-व्यंग्य कविता

साहित्यिक आलेख

कार्यक्रम रिपोर्ट

कविता - हाइकु

गीत-नवगीत

व्यक्ति चित्र

बच्चों के मुख से

पुस्तक समीक्षा

विडियो

उपलब्ध नहीं

ऑडियो

उपलब्ध नहीं