छोटी छोटी बातें
काव्य साहित्य | कविता आशा बर्मन1 Jan 2018
छोटी छोटी बातों में, कितना सुख समाया है
उनकी वो मुस्कुराहट, उनके आने की आहट,
छोटी सी पाती में कितना सन्देसा आया है।
छोटी छोटी बातों में....
नन्हे से ताल में, पूरे गगन की छाया,
छोटे से पंछी ने, उड़ने को पर फैलाया,
नन्हीं कलियों ने, सौरभ बिखराया है।
छोटी छोटी बातों में....
छोटे से शब्द माँ में, कितना छिपाहै प्यार,
छोटी सी एक ’हाँ’ ने, बदला मेरा संसार,
थोड़ा सा देकर मन ने, कितना कुछ पाया है।
छोटी छोटी बातों में....
कुछ ही शब्दों से मिलकर, गीत एक बन जाता है
सात सुर की सरगम से, उनमें स्वर ढल जाता है,
उन गीतों से किसी ने, सपना सजाया है।
छोटी छोटी बातों में, कितना सुख समाया है
अन्य संबंधित लेख/रचनाएं
टिप्पणियाँ
कृपया टिप्पणी दें
लेखक की अन्य कृतियाँ
स्मृति लेख
कविता
हास्य-व्यंग्य कविता
साहित्यिक आलेख
कार्यक्रम रिपोर्ट
कविता - हाइकु
गीत-नवगीत
व्यक्ति चित्र
बच्चों के मुख से
पुस्तक समीक्षा
विडियो
उपलब्ध नहीं
ऑडियो
उपलब्ध नहीं