मेरी माटी देश मेरा
बाल साहित्य | किशोर साहित्य कविता सुषमा दीक्षित शुक्ला15 Sep 2023 (अंक: 237, द्वितीय, 2023 में प्रकाशित)
मेरी माटी देश मेरा ये
हमें जान से प्यारा है।
भारत माँ का बच्चा बच्चा,
इस पर जां दिल हारा है।
सदियों से ये सौंधी माटी,
रत्न उगलती आई है।
युगों युगों से इसकी कीरति,
सारे जग में छाई है।
भारत का हर रहने वाला,
इसका राज दुलारा है।
मेरी माटी देश मेरा ये
हमें जान से प्यारा है।
भारत माँ का बच्चा बच्चा
इस पर जां दिल हारा है।
राम, श्याम, हनुमान सभी ने
इसकी कोख से जन्म लिया।
राधा, सीता, लक्ष्मीबाई
सबने पावन धर्म किया।
भगत सिंह, आज़ाद, सुभाष ने
जिस पर जीवन वारा है।
मेरी माटी देश मेरा ये,
हमें जान से प्यारा है।
भारत माँ का बच्चा बच्चा
इस पर जां दिल हारा है।
जिस धरती का मान बढ़ाने
राणा, शिवा, कलाम जी आये।
आओ इसका तिलक लगायें,
मातृभूमि को शीश नवायें।
जय जवान जय जय किसान,
जिस अमर भूमि का नारा है।
मेरी माटी देश मेरा ये,
हमें जान से प्यारा है।
भारत माँ का बच्चा बच्चा,
इस पर जां दिल हारा है।
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