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स्वामी विवेकानन्द 

स्वामी विवेकानन्द जी थे, 
युग पुरुष मानव महान। 
 
अल्पायु में ही पा लिया था
अनुपम अलौकिक दिव्य ज्ञान 
 
राष्ट्र का जग में बढ़ाया, 
मान शान आन बान। 
 
बालक नरेंद्र बन गए फिर, 
धरणि के दिनकर समान। 
 
प्रेरणा का पुंज बन वह, 
अमरता को पा गए। 
 
माँ भारती का गर्व बनकर, 
विश्व में थे छा गए। 
 
अमेरिका में पहुँच जिसने, 
धर्मध्वज फहरा दिया। 
 
कम उमर में महाज्ञानी, 
काल को भी भा गया। 
 
प्रेरणा के स्रोत बनकर, 
वह सदा मन में रहेंगे। 
 
गंगा जमुना की धार जैसे, 
देश के उर में बहेंगे। 

-सुषमा दीक्षित शुक्ला

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