सरस्वती वंदना
काव्य साहित्य | कविता सुषमा दीक्षित शुक्ला1 Mar 2022 (अंक: 200, प्रथम, 2022 में प्रकाशित)
जयति जय जय माँ सरस्वती,
जयति वीणा वादिनी।
जगत का कल्याण कर माँ,
घोर तम की नाशिनी।
भूल मेरी माफ़ कर माँ,
सुन मेरी फ़रियाद को।
त्याग दे संसार पर
त्यागे न माँ औलाद को।
ज्ञान की गंगा बहा दो,
तुम हो पुस्तक धारिणी।
प्यार का आँचल बिछा दो,
मातु वीणा वादिनी।
हम सभी तो शिशु तुम्हारे,
तुम हमारी मातु हो।
हे दयामयी क्षमा कर माँ,
अब हमारा साथ दो।
प्यार का आँचल बिछा दो,
तुम जगत की स्वामिनी।
जगत का कल्याण कर माँ
घोर तम की नाशिनी।
सत्य पथ पर बढ़ सकूँ,
तेरा हृदय में वास हो।
माता तुम्हारे प्यार से,
अज्ञानता का नाश हो।
जगत का कल्याण कर माँ,
तुम हो विघ्न विनाशिनी
जयति जय जय माँ सरस्वती,
जयति वीणा वादिनी।
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