धूम धड़ाका
हास्य-व्यंग्य | हास्य-व्यंग्य कविता सुषमा दीक्षित शुक्ला15 Mar 2022 (अंक: 201, द्वितीय, 2022 में प्रकाशित)
धूम धड़ाका भँग चढ़ेगी,
होली में फिर भइया।
जीजा साली देवर भौजी,
करेंगे ता ता थइया।
मोटू पतलू लंबू छोटू,
सब झूमेंगे रे दइया।
डूब जाएँगे मस्ती में सब
चाची भाभी मइया।
ढोल नगाड़े बाजे गाजे,
मचेगी छइयाँ छइयाँ।
रंग चढ़े पहचान न आवे,
को देवर को सइयां।
पीने वाले ख़ूब पियेंगे,
उस दिन लोग लुगइया।
होली में हुड़दंग मचेगा,
रंग में डूबे नइया।
धूम धड़ाका भँग चढ़ेगी,
होली में फिर भइया।
जीजा साली देवर भौजी,
करेंगे ता ता थइया।
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