चौपट कर दी
हास्य-व्यंग्य | हास्य-व्यंग्य कविता सुषमा दीक्षित शुक्ला15 Apr 2021 (अंक: 179, द्वितीय, 2021 में प्रकाशित)
चौपट कर दी अबकी होली,
इस कोरोना ने भइया।
सैनिटाइज़र की बोतल ही है,
अब पिचकारी रे दइया।
पूरा चेहरा मास्क छिपा है,
भौजी, साली, मइया।
अब कैसे मैं रंग लगाऊँ,
समझ ना आवे भइया।
बंद नगाड़े ढोल तमाशे,
ना है छइयाँ छइयाँ
भाँग और ठंडाई भूलो,
काढ़ा पियो रे दइया।
चौपट कर दी अबकी होली,
इस कोरोना ने भइया।
लॉक डाउन से डरे हुए कुछ,
कुछ कोरोना से दइया।
दफा चवालीस लगी हुई है,
कैसे हो ता-थइया ।
चौपट कर दी अबकी होली,
इस कोरोना ने भइया।
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