हे गणेश!
काव्य साहित्य | कविता सुषमा दीक्षित शुक्ला15 Sep 2022 (अंक: 213, द्वितीय, 2022 में प्रकाशित)
हे! गणेश गिरिजा सुवन,
जय गणपति महाराज।
मंगल मूर्ति शिव तनय,
पूर्ण करो सब काज।
हर माता की गोद को,
रखो सदा आबाद।
सार्थक कर दो जन्म ये
ना होवे बरबाद।
दुखियारों के दुःख हरो,
रखो सबकी लाज।
सारे पातक माफ़ कर,
भेंटो सबसे आज।
रोग दोष दारिद्रय को,
दूर करो महाराज
हे! गणेश गिरिजातनय,
जय गणपति महाराज।
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