परी लगे भैया को बहना
काव्य साहित्य | कविता सुषमा दीक्षित शुक्ला1 Sep 2021 (अंक: 188, प्रथम, 2021 में प्रकाशित)
इस दुनिया में है सबसे प्यारा,
भाई बहन का रिश्ता।
परी लगे भैया को बहना,
भैया लगे फ़रिश्ता।
इसमें न कोई ख़ुदग़र्ज़ी है,
गंगाजल सा पावन नाता।
इक दूजे पे हैं जान छिड़कते,
जब कोई ग़म है उन पर आता।
ढाल बने बहना की भैया,
ऐसा न कोई है रिश्ता।
परी लगे भैया को।
भैया लगे फ़रिश्ता।
प्यार बाँधती बहना देखो,
राखी के दो धागों में।
लाखो सदा दुआएँ देती,
सुबह शाम दिन रातों में।
ख़्याल रखे बहना का भैया,
जैसे ख़ुदा का फ़रिश्ता।
परी लगे भैया को बहना,
भैया लगे फ़रिश्ता।
बचपन में हैं साथ खेलते,
झूठे-मूठे झगड़े करते।
मग़र एक को चोट लगे तो,
दूजे के हैं आँसू झरते।
भाई बहन का अमर प्यार तो,
कभी मिटाये न मिटता।
परी लगे भैया को।
भैया लगे फ़रिश्ता।
छाया बन रखवाली करता,
प्यारा भैया बहनों की।
जैसे कोई करे हिफ़ाज़त,
बेशक़ीमती गहनों की।
फिर बहना की डोली भेजे,
जोड़ पिया से रिश्ता।
परी लगे भैया को
भैया लगे फ़रिश्ता।
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