मोहरा
काव्य साहित्य | कविता वन्दना पुरोहित15 Mar 2024 (अंक: 249, द्वितीय, 2024 में प्रकाशित)
राजनीति का एक और मोहरा
आ गया महिला दिवस।
होंगे बखान नारी स्वतंत्रता
नारी के उत्थान पर।
होगा सम्मान नारी शक्ति का,
होगा गुणगान त्याग का।
न होगी चर्चा वहाँ,
किसी नारी के अपराधी कि।
ना मिली अब तक सज़ा
मणिपुर के नृशंस अभिचारियों को।
आ गया महिला दिवस
राजनीति का एक और मोहरा।
आ गया महिला दिवस . . .
आ गया महिला दिवस . . .
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