सुन, रात लोरियाँ गा रही है
काव्य साहित्य | गीत-नवगीत अंजना वर्मा15 Feb 2024 (अंक: 247, द्वितीय, 2024 में प्रकाशित)
(लोरी)
सुन, रात लोरियाँ गा रही है
मुन्ने! तू सो जा
सोए सभी बसेरों में
तू सपनों में खो जा
बादल की चादरिया ओढ़े
झिलमिल-झिलमिल वाली
चंदा मना रहा है नभ के
आँगन में दीवाली
तारों के दीपक जागेंगे
टिमटिम, तू अब सो जा
सुन, रात लोरिया गा रही है
मुन्ने! तू सो जा
निंदिया ने सारी दुनिया पर
कैसा जादू फेरा
सूरज भी थककर सोया है
कैसे ओढ़ अँधेरा
पाखी के पंखों में बच्चे
सोए, तू भी सो जा
सुन, रात लोरिया गा रही है
मुन्ने! तू सो जा
सोए सभी बसेरों में
तू सपनों में खो जा
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