पिताओं और पुत्रों की
पितृहीन
भोजन की कल्पना के बावजूद
पहाड़ी आत्मविश्वास के बावजूद
मैं, सूरज की तरह
मैं, चाँद की तरह
केवल एक मृगतृष्णा हूँ;
एक तरफ़, दूर हमेशा
मैं, अशरीरी, अथाह रसातल
फिर भी वर्तमान
और तुम्हारे विचारों का अतीत
भविष्य के आदर्श, श्मशान
तुम्हारी माँगें, आग्रह, अभिलाषाएँ हो गईं ख़त्म
खो गई मुस्कान
अब और नहीं इंतज़ार
न ही आँसू,
केवल तैरती उथल-पुथल
मेरे प्रस्थान पर।
ठीक है,
तुम गए मुझे भूल
खो दिया मुझे
देकर अभिशाप
शीघ्र वार्धक्य
शीघ्र तेज़ शीत
तुम्हारी अनुपस्थिति और
तुम्हारे दमित भाग्य के साथ
तुम्हारा संघर्ष विराम
खोया घर-संसार,
मासूमियत रहित
फीकी नज़र,
व्यतीत सरिता।
मेरा प्यार,
मेरा इकलौता प्यार,
चिरस्थायी परोपकारी का अकेला प्रेम!
निःस्वार्थ दुर्योधन का अहंकार रहित सिंहासन!
प्राचीन पिता का क़ीमती क्लोन!
जब हुआ मेरा मिलन
हो गई बहुत देर
तुम कर दिया था प्रस्थान
बचपन, शौर्य
कर दिए थे परित्याग
इच्छा, स्मरण, क्रंदन
तुमने किए हस्ताक्षर
अपनी अस्वीकृति की संधि पर
पितृहीन कर्ण के निष्कासन का आदेश
दिया करने को पितृ-हीन?
तुम मेरे धनुर्धर,
हो परम योद्धा!
आख़िर कैसे नहीं देखा,
तुम और मैं
काटते, पीटते
कर्तव्यविमुख बच्चों ने
भाइयों को समझा ग़लत
इस रहस्यमय कालातीत प्रभामंडल में
दुनिया के कर्ण कभी बच्चे नहीं होते हैं
वे पहले से ही और हमेशा
रोने के लिए वयोवृद्ध
अवहेलना के लिए युवक
और पृथ्वी के सूर्य
हमेशा के लिए हो गए
पिता विहीन।
पुस्तक की विषय सूची
- पिता के रोम-रोम
- समय का शरणार्थी
- पुत्र से पिता
- जियो मानव, जियो!
- एक और फरवरी
- गगन-प्रकृति
- आहत विचार
- विश्वासघात
- मृत्यु के बाद की लंबी कविता
- प्यारी माँ
- मेरे पिता के लिए
- उदासी
- फिर से आना
- पितृहीन
- आत्महत्या के शोकगीत
- मैं पीने वाला
- प्रेमी
- पौ फटने से ठीक पहले
- सूर्य-जन्मा
- राजकुमार हेमलेट
- पिता होते हुए पुत्र तनाव में!
- अभिमान
- क्या पिता एक मज़ाक है?
- मेरा चंद्रिल प्रेम
- यात्रा
- पुनरागमन
- प्रतिशोध
- हठी
- पूर्णिमा की ज्योत्स्ना में भीगी कविता
- माता
- पत्नी
- कौन कहता है कि तुम भगवान हो?
- दुर्योधन का उत्तर
- मौन
- आत्म-हत्या
- दक्षिणी पवन
- दुर्योधन-पुत्र
- इतिहास का बोझ
- अंतर्द्वंद्व
- त्रिवेणी
- मैं यहाँ हूँ
- तुम और मैं
- कर्कश सुबह
- एकजुटता का अंश
- निष्कासन
- मदलाशी
- जब मैं तुमसे प्यार करता हूँ
- मृत्युंजय
- हत्या
- जब तुम चले जाओगे
- हम
- अकेले दिन
- साँसों में जन्म-स्थान
- प्रेम और प्रतिशोध
- आगमन
- स्थितप्रज्ञ
- अविस्मरणीय समय
- मैं तुमसे यही चाहता था
- शर-शैय्या
- रात और गृह-विरह
- अभी भी नरक
- मनु-पुत्र
- आज रात मैं लिखूँगा आँसुओं से कविता
- शिखर पतन
- प्यार की दासता
- शरद ऋतु में सितंबर
- अकेले रहना एक विकल्प
- पिताओं और पुत्रों की
लेखक की पुस्तकें
अनुवादक की पुस्तकें
लेखक की अन्य कृतियाँ
विडियो
उपलब्ध नहीं
ऑडियो
उपलब्ध नहीं
अनुवादक की कृतियाँ
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बात-चीत
ऐतिहासिक
कार्यक्रम रिपोर्ट
अनूदित कहानी
अनूदित कविता
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