करो गुरु का
बाल साहित्य | बाल साहित्य कविता डॉ. ज़ियाउर रहमान जाफरी1 Jul 2021 (अंक: 184, प्रथम, 2021 में प्रकाशित)
करो गुरु का तुम सम्मान
ये कहलाते हैं भगवान
ये हमको वो राह बताते
जिस पर चल कर मंज़िल पाते
यही ज्ञान हैं देते हमको
कहते यही चहेते हमको
पुत्र के जैसा प्यार करें वो
हम सबका उपकार करें वो
सोचो वो न अगर पढ़ाते
कहाँ आदमी हम बन पाते
किस मुश्किल से वो आते हैं
पर उफ़ भी न कर पाते हैं
है दुनिया में मान उन्हीं का
करें सदा सम्मान उन्हीं का
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