माँ
काव्य साहित्य | कविता नरेन्द्र सोनकर ‘कुमार सोनकरन’15 Nov 2023 (अंक: 241, द्वितीय, 2023 में प्रकाशित)
माँ
सृष्टि है
सृष्टि का वुजूद है
आधार है
माँ
ज़िन्दगी का एहसास है
शोध है
बोध है
माँ
हौसला है
प्रेरणा है
चेतना है
माँ
धन है
बल है
ताक़त है
माँ
ख़ुशियों का घर है
स्रोत है
संसाधन है
माँ
जन्नत है
उपहार है
माँ
संसार है
संसार की सारी दुनियाएँ
माँ के भीतर हैं
माँ दुनिया की घर है
माँ के बिन
घर
उदासी का ऋतु है
आलम है
माँ बसंत है
माँ फाग है
माँ
घर में ख़ुशियों का चिराग़ है
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