सच्चाई का सार देखिए
काव्य साहित्य | कविता नरेन्द्र सोनकर ‘कुमार सोनकरन’15 Nov 2023 (अंक: 241, द्वितीय, 2023 में प्रकाशित)
नदी-नाला-नार देखिए
कूड़े का अंबार देखिए
कूड़े में कीड़ों-सा बझा
खंडहर परिवार देखिए
भूखे-प्यासे पेट के मारे
बच्चे को लाचार देखिए
क़स्बा-क़स्बा गली गली
गज्जर है सरकार देखिए
बज-बज बजबजाते हुए
गड़हे बद-बू-दार देखिए
भारत की तस्वीर असल
सच्चाई का सार देखिए
प्रकृति के प्रतिकूल ‘नरेन्द्र’
इंसा का व्यवहार देखिए
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