मैं पृथ्वी सी
काव्य साहित्य | कविता अनुजीत 'इकबाल’15 Jun 2019
जीवन चक्र के प्रस्फुटन के प्रमाण
हुए हैं चिह्नित पृथ्वीमंडल के शैलखंड पर
धरा पर अस्तित्व का हस्तलेख
अंकित है किसी विस्मृत भाषा में
और कई पृष्ठ अंतर्ध्यान हो गए
निमर्म कालचक्र के हाथों में
त्यक्त हुए भग्नावशेष
हर दिशा में।
जैसे मेरे होने के प्रमाण
हुए हैं अंकित
मेरे अवचेतन पर
जीवन यह परम का दस्तावेज़
लिपिबद्ध है किसी दुष्कर भाषा में
और कई जन्म विस्मृत हो गए
जटिल प्रयाणों के हाथों में।
अवशेषित हुई चेतना
हर उत्पत्ति में।
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