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राजीव कुमार – 016

1.
घटी आबादी
कोरोना ने बिछाए
लाशों के ढेर।
 
2. 
नयन वाणी
नयन मनोभाव
नयन कर्ण।
 
3. 
रखो ललक
चमकेगा सितारा
शाम तलक।
 
4. 
करूँ आरती
तन मन धन से
माता भारती।
 
5. 
रात ने ओढ़ी
कभी उजली, कभी
चादर काली।
 
6. 
समय आया
समय गहराया
समय गया।

7. 
नाज़ुक डोर
प्रेम बंधन बँधी
ओर न छोर।
 
8. 
भाँप लेती है
चेहरा बनावटी
आँखें जौहरी।
 
9. 
नाचती रही
तन्हाई की नागिन
बग़ैर बीन।
 
10. 
टूटी थी आस
हुआ कुछ एहसास
जुड़ वो गई।
 
11. 
फूल व काँटे
गुलशन में दर्ज
नसीब मर्ज।
  
12. 
ज़िन्दगी जीना
आसान मुश्किल
राहें मंज़िल।
 
13. 
दिल ने जुटाए
राहत के सामान
आपकी मुस्कान।
 
14. 
जल की धारा
बहा ले गई
तोड़ किनारा।
 
15. 
हवा के संग
ऊँचाई तक गए
धूल के कण।
 
16. 
लिफ़ाफ़ा खुला
दर्द का सिलसिला
गले आ मिला।
 
17. 
आस तोड़ना
आस फिर जोड़ना
मन का काम।
 
18. 
हवा का पर्दा
आँचल से लिपटा
रोंगटे खड़े।
 
19. 
आयी न लाज
बेवफ़ा आज झूले
गैर की बाँहें।
 
20. 
मेघ गरजा
धरती पे बरसा
धरती तृप्त।
 
21. 
पलकें मूँदे
धरती पे जागती
जल की बूँदें।
 
22. 
जग का मेला
छोड़ आया अकेला
कोई न साथ।

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