राजीव कुमार – 026
काव्य साहित्य | कविता - हाइकु राजीव कुमार15 Nov 2023 (अंक: 241, द्वितीय, 2023 में प्रकाशित)
1.
दुर्गा भवानी 
दुःख भरा सागर 
आँख में पानी। 
 
2.
रास्ता न दिखे 
आँसुओं की स्याही से 
भाग्य हैं लिखे। 
 
3.
जग विख्याता 
दुःख हरती माता 
दुर्गा नौ रूप। 
 
4.
विद्या ददाति 
माता सरस्वती 
बुद्धि विजय। 
 
5.
माता की भक्ति 
आया है नवरात्र 
कृपा का पात्र। 
 
6.
सुख की वृष्टि 
माता की कृपादृष्टि 
देवी दर्शन। 
 
7.
केवल युक्ति 
पड़ती कृपादृष्टि 
माता की भक्ति। 
 
8.
तनी भृकुटि 
जग पे उपकार 
दैत्य संहार। 
 
9.
पूर्ण साधना 
माता की आराधना 
बने जीवन। 
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