राजीव कुमार – 038
काव्य साहित्य | कविता - हाइकु राजीव कुमार15 Aug 2024 (अंक: 259, द्वितीय, 2024 में प्रकाशित)
1.
छोड़ी बन्दूक
उठाई है क़लम
धारा में हम।
2.
जन आक्रोश
व्यवस्था गड़बड़ी
सुधार देरी।
3.
लेता है जीत
सफलता की राह
लगाता प्रीत
4.
कई सपूत
आज़ादी तरन्नुम
हुए थे गुम।
5.
पाँव जो डटे
स्वतंत्रता की राह
पीछे न हटे।
6.
आया सावन
होता मनभावन
शिव दर्शन।
7.
भोले शंकर
दर्शन, नहीं गड़े
पाँव कंकड़।
8.
राखी की डोर
पड़े न कमज़ोर
रखना याद।
9.
भाई बहन
सुरक्षा की प्रतिज्ञा
राखी पहन।
10.
न देना नीर
और न देना खीर
तोड़ो न पंख।
11.
नसीब बाँधे
जिस गिरह, जिओ
उस तरह।
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