सपने और खिलौने
कथा साहित्य | लघुकथा राजीव कुमार15 Jun 2021 (अंक: 183, द्वितीय, 2021 में प्रकाशित)
राजू सात साल का लड़का दिन भर पिता के साथ चाय दुकान में काम करता और रात को घोड़े बेच कर सोता। उसके सपने में नई बन रही फ़ैक्ट्री आती तो वो ख़ुश हो जाता। उसी के उम्र के लड़के कचड़ा बीनते, जूता पॉलिश करते नज़र आते तो वो ख़ुश हो जाता कि मैं भी काम करने वालों में से हूँ।
एक दिन अचानक से उसके सपने में झूला, बैटरी वाली कार और बैट-बॉल खेलते उसी उम्र के लड़के नज़र आए तो उसकी नींद खुल गई यह सोचकर कि ये सब अनजानी सी चीज़ क्या है? दिखने में तो बहुत सुन्दर लग रहे हैं, लेकिन ये सब चीज़ें मेरे बचपन को छीनना क्यों चाहते हैं? अब हक़ीक़त वाले सपने क्यों ओझल हो गए? वो फिर सोने की कोशिश करने लगा, अन्ततः उसको नींद आ गई।
अन्य संबंधित लेख/रचनाएं
टिप्पणियाँ
कृपया टिप्पणी दें
लेखक की अन्य कृतियाँ
कविता - हाइकु
- पुस्तक: हाइकु
- राजीव कुमार – 001
- राजीव कुमार – 002
- राजीव कुमार – 003
- राजीव कुमार – 004
- राजीव कुमार – 005
- राजीव कुमार – 006
- राजीव कुमार – 007
- राजीव कुमार – 008
- राजीव कुमार – 009
- राजीव कुमार – 010
- राजीव कुमार – 011
- राजीव कुमार – 012
- राजीव कुमार – 013
- राजीव कुमार – 014
- राजीव कुमार – 015
- राजीव कुमार – 016
- राजीव कुमार – 017
- राजीव कुमार – 018
- राजीव कुमार – 019
- राजीव कुमार – 020
- राजीव कुमार – 021
- राजीव कुमार – 022
- राजीव कुमार – 023
- राजीव कुमार – 024
- राजीव कुमार – 025
- राजीव कुमार – 026
- राजीव कुमार – 027
- राजीव कुमार – 028
- राजीव कुमार – 029
- राजीव कुमार – 030
- राजीव कुमार – 031
- राजीव कुमार – 032
- राजीव कुमार – 033
- राजीव कुमार – 034
- राजीव कुमार – 035
- राजीव कुमार – 036
- राजीव कुमार – 037
- राजीव कुमार – 038
- राजीव कुमार – 039
- राजीव कुमार – 040
- राजीव कुमार – 041
- राजीव कुमार – 042
- राजीव कुमार – होली
कविता-ताँका
लघुकथा
- अन्नदाता
- आत्मा की शांति
- आधार स्तम्भ
- आपसी भाईचारा
- ऊँचाई और गहराई
- ऑफ़िशियल विज़िट
- कम्बल
- कुत्ता
- गंदी लड़की
- गहराई और तन्हाई
- चिराग – चिरागिन
- जीवनदान
- जुनून
- देवी
- पारी
- प्रकृति और विकास
- प्रमाण पत्र
- प्रेम प्यासा
- प्रेम भँवर
- बाग़ी
- भाई का हिस्सा
- भावना
- मलवा
- मेला
- लहरें
- वर्चस्व
- वस्त्रदान समारोह
- विवाह संबंध
- संकल्प या विकल्प
- सपने और खिलौने
- समझौता
- साड़ी
- स्थान
सांस्कृतिक कथा
कविता
विडियो
उपलब्ध नहीं
ऑडियो
उपलब्ध नहीं