तेरे शरमाने से, खुशी हुआ करती है
काव्य साहित्य | कविता महेश रौतेला21 Feb 2019
तेरे शरमाने से, खुशी हुआ करती है,
तेरे इन भावों में, संगीत बना रहता है,
मन में उठा कौतुहल, आसमान तक जाता है,
तेरे आने-जाने का, आभास हुआ करता है,
तू नाम नहीं, अनुभूति होती है,
तू अँधकार नहीं, प्रकाश रहती है,
जो दीप तुम में है, दीप्ति वही कहती है,
तेरे होने में, मेरा सत्य बना करता है ।
उस परिचय के आने से, धूप गुनगुनी लगती है,
उस सजने-सँवरने से, मन खिला-खिला रहता है,
तेरे साथ रहने से, सब साथ दिख जाता है,
इस सुध-बुध खोने में, तेरा अनुमान होता है,
तेरे साथ से, मेरा मन भरा रहता है ।
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