एक कहानी सुन
काव्य साहित्य | कविता अंजना वर्मा15 Nov 2020 (अंक: 169, द्वितीय, 2020 में प्रकाशित)
(लोरी)
 
एक कहानी सुन, ओ मुन्ने!
एक कहानी सुन!
 
एक चिरैया कितना भटकी
दाने की तलाश में।
मोती - से दो दाने पाकर 
झूम उठी उल्लास में ।
एक कहानी सुनो ओ मुन्ने!
एक कहानी सुन! 
 
जंगल - नदिया पार कर चली
लिये खजाना चोंच में ।
बच्चे मेरे भूखे होंगे ,
डूबी थी इस सोच में ।
एक कहानी सुन,ओ मुन्ने!
एक कहानी सुन!
 
उड़ते-उड़ते पेड़ आ गया ,
पुलक उठी बेचारी ।
बच्चों ने आहट पहचानी ,
फूटी थी किलकारी ।
एक कहानी सुन, ओ मुन्ने!
एक कहानी सुन!
 
चीं- चीं -चूं- चूं चू लगे माँगने
"~खाना दे दो माता!
इतनी भूख लगी है कि अब 
रहा नहीं है जाता ।"
एक कहानी सुन, ओ मुन्ने!
एक कहानी सुन! 
 
खाना देकर लगी सुनाने 
लोरी वह गौरैया।
छोटू - मोटू लगे झपकने,
ओ मैया! ओ मैया!
एक कहानी सुन, ओ मुन्ने!
एक कहानी सुन!
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