अन्तरजाल पर
साहित्य-प्रेमियों की विश्राम-स्थली

काव्य साहित्य

कविता गीत-नवगीत गीतिका दोहे कविता - मुक्तक कविता - क्षणिका कवित-माहिया लोक गीत कविता - हाइकु कविता-तांका कविता-चोका कविता-सेदोका महाकाव्य चम्पू-काव्य खण्डकाव्य

शायरी

ग़ज़ल नज़्म रुबाई क़ता सजल

कथा-साहित्य

कहानी लघुकथा सांस्कृतिक कथा लोक कथा उपन्यास

हास्य/व्यंग्य

हास्य व्यंग्य आलेख-कहानी हास्य व्यंग्य कविता

अनूदित साहित्य

अनूदित कविता अनूदित कहानी अनूदित लघुकथा अनूदित लोक कथा अनूदित आलेख

आलेख

साहित्यिक सांस्कृतिक आलेख सामाजिक चिन्तन शोध निबन्ध ललित निबन्ध हाइबुन काम की बात ऐतिहासिक सिनेमा और साहित्य सिनेमा चर्चा ललित कला स्वास्थ्य

सम्पादकीय

सम्पादकीय सूची

संस्मरण

आप-बीती स्मृति लेख व्यक्ति चित्र आत्मकथा यात्रा वृत्तांत डायरी बच्चों के मुख से यात्रा संस्मरण रिपोर्ताज

बाल साहित्य

बाल साहित्य कविता बाल साहित्य कहानी बाल साहित्य लघुकथा बाल साहित्य नाटक बाल साहित्य आलेख किशोर साहित्य कविता किशोर साहित्य कहानी किशोर साहित्य लघुकथा किशोर हास्य व्यंग्य आलेख-कहानी किशोर हास्य व्यंग्य कविता किशोर साहित्य नाटक किशोर साहित्य आलेख

नाट्य-साहित्य

नाटक एकांकी काव्य नाटक प्रहसन

अन्य

रेखाचित्र पत्र कार्यक्रम रिपोर्ट सम्पादकीय प्रतिक्रिया पर्यटन

साक्षात्कार

बात-चीत

समीक्षा

पुस्तक समीक्षा पुस्तक चर्चा रचना समीक्षा
कॉपीराइट © साहित्य कुंज. सर्वाधिकार सुरक्षित

स्मृतियों में हार्वर्ड

आमुख 

 

एक नदी जिसका नाम है चार्ल्स, इस नदी के किनारे दो विश्व विख्यात शिक्षा-संस्थान हार्वर्ड और एम.आई.टी. विद्यमान हैं। इस नदी के दूसरी तरफ़ बोस्टन विश्वविद्यालय है। नदी के किनारे बसे शहर का नाम कैम्ब्रिज है। भले ही, क्षेत्रफल में यह छोटा है, मगर बहुत ही प्राचीन शहर है। नदी की दूसरी तरफ़ बहुत बड़ी नगरी बोस्टन है। हर दिन होने वाले परिवर्तन को सुदूरगामी बनाने वाले हार्वर्ड का परिवेश असाधारण है। इसकी सुदृढ़ नींव चार सौ साल की परंपराओं और संस्कारों की पृष्ठभूमि पर आधारित है। विश्व के सर्वोत्तम दस विश्वविद्यालयों में इसका स्थान हमेशा अव्वल रहा है। ऐसे विश्वविद्यालय में फ़ोर्ड फ़ॉउंडेशन फ़ैलो तथा एसोसिएट प्रोफ़ेसर के रूप में एक वर्ष (1987–88) बिताना मेरे लिए किसी परम सौभाग्य से कम बात नहीं थी। 

हार्वर्ड विश्वविद्यालय और कैम्ब्रिज शहर की स्थापना इंग्लैंड के ‘निर्वासित’ बहु प्रतिभाशाली व्यक्तियों के अथक प्रयासों का फल है। नए महाद्वीप में उपनिवेश की स्थापना करना, बोस्टन टी-पार्टी और न्यू इंग्लैंड जैसे नामकरण ऐतिहासिक कथावस्तु है। इंग्लैंड के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के पूर्वतन विद्यार्थी देश से निर्वासित होने के बाद भी 800 साल पुराने विश्वविद्यालय को भूल नहीं पाए थे, इसलिए उन्होंने इस शहर का नाम कैम्ब्रिज रखा और वह कुछ हद तक हार्वर्ड का ढाँचा भी कैम्ब्रिज जैसा ही बनाया। संयोगवश सन्‌1968–69 में मैंने जो एक साल कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के फ़ैलो के रूप में बिताया था, उनकी स्मृतियाँ हार्वर्ड में एक साल प्रवास के दौरान तरोताज़ी हो उठती थीं। 

हार्वर्ड ने मुझे अजस्र रंग-बिरंगे अनुभव प्रदान किए। सेंटर में मेरे साथ काम करने वालों में मेक्सिको के सुप्रसिद्ध उपन्यासकार कार्लो फुएंट्स, आइरिस कवि सियामस हिनि मुझे घनिष्ठ मित्र के रूप में मिले। उस समय हिनि को नोबेल पुरस्कार नहीं मिला था। विश्वविद्यालय के विभिन्न दौरों के समय मुझे नाइजेरिया के उपन्यासकार चिनिआ आचिबी, रूसी कवि जोसेफ ब्रोडस्की, मेक्सिको के कवि ओक्टेविओ पॉज, स्वीडेन के कवि थॉमस ट्रांस्ट्रोमार के साथ मिलने का सुअवसर प्राप्त हुआ। 

मैं जिस फ़ैलोशिप पर काम कर रहा था, उसमें संयुक्त राष्ट्र अमेरिका, कैनेडा भ्रमण के साथ-साथ यूरोपियन कम्यूनिटी के निमंत्रण पर उनके हेडक्वार्टर और संसद और ब्रसेल्स और स्ट्रासबर्ग की यात्रा भी शामिल थी। इसके अतिरिक्त, मुझे अमेरिका के विभिन्न विश्वविद्यालयों में व्याख्यान और काव्य-पाठ हेतु भी निमंत्रण मिला था। उनमें प्रमुख शिकागो विश्वविद्यालय की विलियम वॉन मूडी व्याख्यान-माला और काव्य-पाठ शामिल था, जिसकी अध्यक्षता मेरे मित्र ए.के. रामानुजन ने की थी। बहुत दिन से मेरे मन के अंदर प्राचीन संस्कृति के अन्यतम देश मैक्सिको देखने की प्रबल इच्छा थी। प्रवास के दौरान मैंने मैक्सिको का भ्रमण भी किया। 

सारी बातों को लेकर एक किताब लिखने की इच्छा मन के अंदर बहुत दिनों से छुपी हुई थी, मगर समय के अभाव और मेरे स्वभाव-सुलभ आलस्य के कारण यह सम्भव नहीं हो पा रहा था। बहुत सारे काग़ज़-पत्र, मेरी पुरानी डायरी, उपर्युक्त दोस्तों की चिट्ठियों आदि की सहायता से चार वर्ष पहले (2004) मैंने इस पुस्तक को लिखना शुरू किया था, जो अब यानी 2010 में पूरा हो रहा है। मुख्य प्रकाशक पीताम्बर बाबू को इसका प्रकाशन दायित्व लेने के लिए उन्हें और उनके छोटे पुत्र श्रद्धेय जीवानंद को मेरा हार्दिक धन्यवाद। सन्‌ 1981 में फ्रेंड्स पब्लिशर द्वारा प्रकाशित ‘अनेक शरत’ को पाठकों का भरपूर प्यार मिला। ज्ञानपीठ द्वारा इसके हिन्दी अनुवाद के तीन संस्करण प्रकाशित हो चुके हैं। इससे पूर्व मेरा दूसरा यात्रा-संस्मरण ‘शाणित तरवारि और सेवती फूल’ प्रकाशित हुआ है। अब इस पुस्तक को ओड़िया पाठकों को उपहार देते हुए मुझे ख़ुशी हो रही है। 

सीताकान्त महापात्र
महाशिवरात्रि
12.02.2010

पुस्तक की विषय सूची

  1. आमुख 
  2. अनुवादक की क़लम से . . . 
  3. हार्वर्ड: चार सदी पुराना सारस्वत मंदिर
  4. केंब्रिज शहर और हार्वर्ड: इतिहास एवं वर्तमान
  5. हार्वर्ड के चारों तरफ़ ऐतिहासिक बोस्टन नगरी
  6. ऐतिहासिक बोस्टन तथा उसके उत्तरांचल वासी
  7. हमारा सेंटर (सिफा): चार्ल्स नदी, कॉनकॉर्ड ऐवन्यू
  8. हार्वर्ड में पहला क़दम: अकेलेपन के वे दिन
  9. विश्वविद्यालय की वार्षिक व्याख्यान-माला
  10. पुनश्च ओक्टेविओ, पुनश्च कविता और वास्तुकला की जुगलबंदी
  11. कार्लो फुएंटेस–अजन्मा क्रिस्टोफर
  12. नाबोकोव और नीली तितली
  13. जॉन केनेथ गालब्रेथ: सामूहिक दारिद्रय का स्वरूप और धनाढ्य समाज
  14. अमर्त्य सेन: कल्याण विकास अर्थशास्त्र के नए क्षितिज और स्टीव मार्गलिन 
  15. सिआमस हिनि, थॉमस ट्रान्स्ट्रोमर, चिनुआ आचिबि और जोसेफ ब्रोडस्की
  16. अमेरिका की स्वतंत्रता की प्रसवशाला—कॉनकॉर्ड
  17. अमेरिका के दर्शन, साहित्य और संस्कृति की प्रसवशाला-कॉनकॉर्ड
  18. हार्वर्ड से बहुदिगंत आनुष्ठानिक भ्रमण
  19. हार्वर्ड से बहुदिगंत आनुष्ठानिक भ्रमण (भाग-दो) 
  20. हार्वर्ड से बहुदिगंत आनुष्ठानिक भ्रमण: काव्य-पाठ एवं व्याख्यान
  21. हार्वर्ड  से एक और भ्रमण: मेक्सिको
  22. न्यूयार्क में फिर एक बार, नववर्ष 1988 का स्वागत 
  23. हार्वर्ड प्रवास के अंतिम दिन
  24. परिशिष्ट 

लेखक की पुस्तकें

  1. सौन्दर्य जल में नर्मदा
  2. सौन्दर्य जल में नर्मदा
  3. भिक्षुणी
  4. गाँधी: महात्मा एवं सत्यधर्मी
  5. त्रेता: एक सम्यक मूल्यांकन 
  6. स्मृतियों में हार्वर्ड
  7. अंधा कवि

लेखक की अनूदित पुस्तकें

  1. अदिति की आत्मकथा
  2. पिताओं और पुत्रों की
  3. नंदिनी साहू की चुनिंदा कहानियाँ

लेखक की अन्य कृतियाँ

साहित्यिक आलेख

पुस्तक समीक्षा

बात-चीत

ऐतिहासिक

कार्यक्रम रिपोर्ट

अनूदित कहानी

अनूदित कविता

यात्रा-संस्मरण

रिपोर्ताज

विडियो

ऑडियो

उपलब्ध नहीं

विशेषांक में