अन्तरजाल पर
साहित्य-प्रेमियों की विश्राम-स्थली

काव्य साहित्य

कविता गीत-नवगीत गीतिका दोहे कविता - मुक्तक कविता - क्षणिका कवित-माहिया लोक गीत कविता - हाइकु कविता-तांका कविता-चोका कविता-सेदोका महाकाव्य चम्पू-काव्य खण्डकाव्य

शायरी

ग़ज़ल नज़्म रुबाई क़ता सजल

कथा-साहित्य

कहानी लघुकथा सांस्कृतिक कथा लोक कथा उपन्यास

हास्य/व्यंग्य

हास्य व्यंग्य आलेख-कहानी हास्य व्यंग्य कविता

अनूदित साहित्य

अनूदित कविता अनूदित कहानी अनूदित लघुकथा अनूदित लोक कथा अनूदित आलेख

आलेख

साहित्यिक सांस्कृतिक आलेख सामाजिक चिन्तन शोध निबन्ध ललित निबन्ध हाइबुन काम की बात ऐतिहासिक सिनेमा और साहित्य सिनेमा चर्चा ललित कला स्वास्थ्य

सम्पादकीय

सम्पादकीय सूची

संस्मरण

आप-बीती स्मृति लेख व्यक्ति चित्र आत्मकथा यात्रा वृत्तांत डायरी रेखाचित्र बच्चों के मुख से बड़ों के मुख से यात्रा संस्मरण रिपोर्ताज

बाल साहित्य

बाल साहित्य कविता बाल साहित्य कहानी बाल साहित्य लघुकथा बाल साहित्य नाटक बाल साहित्य आलेख किशोर साहित्य कविता किशोर साहित्य कहानी किशोर साहित्य लघुकथा किशोर हास्य व्यंग्य आलेख-कहानी किशोर हास्य व्यंग्य कविता किशोर साहित्य नाटक किशोर साहित्य आलेख

नाट्य-साहित्य

नाटक एकांकी काव्य नाटक प्रहसन

अन्य

पत्र कार्यक्रम रिपोर्ट सम्पादकीय प्रतिक्रिया पर्यटन

साक्षात्कार

बात-चीत

समीक्षा

पुस्तक समीक्षा पुस्तक चर्चा रचना समीक्षा
कॉपीराइट © साहित्य कुंज. सर्वाधिकार सुरक्षित

हलधर नाग का काव्य संसार

पशु और मनुष्य

 

विचारों में लीन, दोपहर को जा रहा था एक दिन, 
सुनाई पड़ा कुत्ते के पिल्ले का रुदन-क्रंदन। 
पास जाकर देखा, हो रही थी डामर-ढुलाई सड़क पर 
गर्मी से पिघलकर डामर फैल रहा था इधर-उधर। 
लटपटा गया छोटा पिल्ला, पाँव गए उसके अकड़ 
बाहर निकालने भागा मैं कोल-तार की सड़क। 
ठेकेदार ने कहा, “मत छुओ, देगा तुम्हें काट 
डरकर लौट गया मैं, आया ख़ाली हाथ। 
उसी समय कहीं से पिल्ले की माँ दौड़ी आई 
मुँह से पकड़, हिल-हिलाकर बाहर घसीट लाई। 
मुझे देखकर कुतिया जैसे कह रही हो, “धिक, मनुष्य, धिक! 
नाम का मनुष्य, विवेकशील होने पर भी विचार नहीं ठीक। 
देखा मौत के मुँह में फँसे मेरे पिल्ले को रोते 
अगर तुम्हारा बच्चा होता, तो हाथ पर हाथ धरे बैठते। 
चला आया वहाँ से अपने आपको कर धिक्कार 
पशु-मनुष्य का भेदभाव, सालता मुझे हरबार। 

पुस्तक की विषय सूची

  1. समर्पित
  2. भूमिका
  3. अभिमत
  4. अनुवादक की क़लम से . . . 
  5. प्रथम सर्ग
  6. श्री समेलई
  7. पहला सर्ग
  8. दूसरा सर्ग
  9. तीसरा सर्ग
  10. चौथा सर्ग
  11. हमारे गाँव का श्मशान-घाट
  12. लाभ
  13. एक मुट्ठी चावल के लिए
  14. कुंजल पारा 
  15. चैत (मार्च) की सुबह
  16. नर्तकी 
  17. भ्रम का बाज़ार
  18. कामधेनु
  19. ज़रा सोचो
  20. दुखी हमेशा अहंकार
  21. रंग लगे बूढ़े का अंतिम संस्कार
  22. पशु और मनुष्य
  23. चेतावनी 
  24. स्वच्छ भारत
  25. तितली
  26. कहानी ख़त्म 
  27. छोटे भाई का साहस
  28. संचार धुन में गीत
  29. मिट्टी का आदर
  30. अछूत – (1-100)
क्रमशः

लेखक की पुस्तकें

  1. हलधर नाग के लोक-साहित्य पर विमर्श
  2. हलधर नाग का काव्य संसार
  3. शहीद बिका नाएक की खोज दिनेश माली
  4. सौन्दर्य जल में नर्मदा
  5. सौन्दर्य जल में नर्मदा
  6. भिक्षुणी
  7. गाँधी: महात्मा एवं सत्यधर्मी
  8. त्रेता: एक सम्यक मूल्यांकन 
  9. स्मृतियों में हार्वर्ड
  10. अंधा कवि

लेखक की अनूदित पुस्तकें

  1. अदिति की आत्मकथा
  2. पिताओं और पुत्रों की
  3. नंदिनी साहू की चुनिंदा कहानियाँ

लेखक की अन्य कृतियाँ

साहित्यिक आलेख

व्यक्ति चित्र

पुस्तक समीक्षा

अनूदित कहानी

बात-चीत

ऐतिहासिक

कार्यक्रम रिपोर्ट

अनूदित कविता

यात्रा-संस्मरण

रिपोर्ताज

विडियो

ऑडियो

उपलब्ध नहीं

विशेषांक में