कुत्ते और गीदड़
बाल साहित्य | बाल साहित्य कविता प्रभुदयाल श्रीवास्तव15 Jul 2019
बड़े अदब से दो कुत्तों को
एक परोसी रोटी।
दोनों झपटे एक साथ ही,
रोटी बोटी बोटी।
तभी तीसरे कुत्ते ने भी,
अपना मुँह दे मारा।
चौथे ने आकर तीनों को
जमकर के फटकारा।
ऊपर देखो मालिक के हैं,
हाथों में रसगुल्ले।
बड़े बड़े गीदड़ हैं संग में,
जिनकी बल्ले बल्ले।
कुत्तों में गीदड़ में अब तो,
अंतर समझो भाई
कुत्ते खाते सूखी रोटी,
गीदड़ दूध मलाई।
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