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चुगली कहूँ

चुगली कहूँ...
या क्रिकेट की गुगली 
क्रमशः करने और दूसरा डालने पर
बोल्ड होना तय है॥

तरक्क़ी से भय 
चापलूसी से उदय  
मुहब्बत की दिखावटी विधा
लोकमत की ख़िलाफ़त तय है॥

मित्रता को सर्पदंश 
आपसी रिश्ते के शकुनि-कंस
प्रेमिका से तक़रार  
विध्वंसक नतीजा तय है॥

कहीं मनोरंजन तो...
मनमुटाव कहीं...
प्रतिशोध की ज्वाला की वजह कहीं 
अंधकारमय नतीजा तय है॥

चाल है प्रकाश की 
ऊर्जा है आकाश सी  
कम्पन है भूकंप की 
कम्पन से प्रवास तय है॥

भूत से वर्तमान का
भविष्य है रहस्य का 
रहस्य ही प्रचंड है  
गोपनीयता का दंग होना तय है॥

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टिप्पणियाँ

Sushil 2019/04/20 01:05 PM

तरक्क़ी से भय चापलूसी से उदय Waaaa

Atul 2019/04/18 07:16 PM

Atisunder

Ramsuresh 2019/04/18 07:37 AM

Good

Sandeep verma 2019/04/18 06:30 AM

Very nice brother....

Viki 2019/04/17 06:53 PM

Sahitya ka gale lagana tay hai

Viphai 2019/04/17 04:22 PM

Nice creativity!!

Sulochana 2019/04/17 08:56 AM

Excellent

Rajesh Kumar 2019/04/16 07:09 PM

awesome lines....

Vandana Shukla 2019/04/16 07:05 PM

Nice piece of poetry

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