अरुण कुमार प्रसाद हाइकु - 1
काव्य साहित्य | कविता - हाइकु अरुण कुमार प्रसाद15 Apr 2020 (अंक: 154, द्वितीय, 2020 में प्रकाशित)
1.
नयी व्याधियाँ।
प्रतिशोध हिंसा का।
लेता मनुष्य!
2.
चीख़ें हमारी।
और मूक याचना।
श्राप दे गए।
3.
एक सा प्राण।
मेरी और तुम्हारी।
क्यों खा गए?
4.
रुदन हीन।
अविचलित ख़ुदा।
हमारी मृत्यु ।
5.
हम तो पशु।
जंगली व्यवहार।
तुम्हारा क्यों है।
6.
स्रष्टा ने रचा।
तेरी क्षुधा, राक्षस।
पंच तत्व ही।
7.
रुद्र रौद्र हो।
लेता है प्रतिशोध।
हत्या हमारी।
8.
काट खा गए।
मैं जीव-जन्तु ही था।
रोग भुगत।
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