पाप, पुण्य
काव्य साहित्य | कविता अरुण कुमार प्रसाद1 Aug 2020 (अंक: 161, प्रथम, 2020 में प्रकाशित)
कर्म पुण्य है।
कर्म करने की क्रिया
रुदन अगर करे सृजन।
क्रिया पाप है।
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